Bhajan - Ek Aas
Tumhari Hai
Bhajan Gayak -
Sanjay Mittal
Copyright -
Saawariya
एक आस तुम्हारी है
एक आस तुम्हारी है , विश्वास तुम्हारा है
एक आस तुम्हारी है , विश्वास तुम्हारा है
अब तेरे सिवा बाबा , कहो कौन हमारा है
एक आस तुम्हारी है , विश्वास तुम्हारा है
तारों में चमक तुमसे
मेरे बाबा …….,
इतना बता दो कहा तुम नहीं हो ,
ये सब को पता है के , तुम हर कहीं हो
अगर तुम न होते तो दुनिया ना होती
अँधेरा मिटाती है तेरी ही ज्योति
फूलों में महक तुमसे ,
तारों में चमक तुमसे
बरफो में शीतलता , अग्नि में धधक तुमसे
अग्नि में धधक तुमसे
जिस और नज़र डालू , तेरा ही नजारा है
अब तेरे सिवा बाबा , कहो कौन हमारा है
एक आस तुम्हारी है विश्वास तुम्हारा है
अब तेरे सिवा बाबा , कहो कौन हमारा है
मंझधार में नैया है ,
मजबूर खिवैया है
कन्हैया…….,
विशवास मेरा टूटे ना प्यारे ,
तुमहीको लगानी है नैया किनारे
सोचो जरा यह रिश्ता है पुराना
मंझधार में नैया है , मजबूर खिवैया है
नैया का खिवैया तो , अब तू ही कन्हैया है
अब तू ही कन्हैया है
अब पार लगा बाबा , मझधार किनारा है
अब तेरे सिवा बाबा , कहो कौन हमारा है
एक आस तुम्हारी है विश्वास तुम्हारा है
अब तेरे सिवा बाबा , कहो कौन हमारा है
इस तन में रमे हो तुम , इस मन में रमे हो तुम
ऐ मेरे बाबा …….,
तुझसे जुडी है मेरी हर कहानी ,
तुम्ही दे रहे हो मुझे दाना पानी
ये अहसान तेरा मैं कैसे चुकाऊं
दिया है जो तूने मैं ना भूल पाऊं
इस तन में रमे हो तुम , इस मन में रमे हो तुम
मैं तुमको कहा ढूँढूँ ,
इस दिल में बसे हो तुम
इस दिल में बसे हो तुम
घनश्याम दरस देदो , कोई ना हमारा है
अब तेरे सिवा बाबा , कहो कौन हमारा है
एक आस तुम्हारी है विश्वास तुम्हारा है
अब तेरे सिवा बाबा , कहो कौन हमारा है
एक आस तुम्हारी है विश्वास तुम्हारा है
अब तेरे सिवा बाबा , कहो कौन हमारा है
एक आस तुम्हारी है विश्वास तुम्हारा है
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