श्री खाटू श्याम मंदिर , खाटू, राजस्थान
खाटू श्याम मंदिर की कहानी कुछ इस प्रकार से है - एक व्यक्ति की गाय प्रतिदिन चारा खाने के लिए जंगल मे जाती थी और वह गाय हमेशा १ ही जगह पर जाकर खड़ी हो जाती थी और उसी जगह पर उसके थनो से दूध अपने आप निकल कर उसी भूमि मे समां जाता था और ऐसा प्रतीत होता था जैसे की कोई भूमि के अंदर से ही गाय का दूध पी रहा हो। घर पर आकर जब उसका मालिक दूध निकालने की कोशिश करता तो वो दूध नही देती थी जब बहुत दिन ऐसे ही चलता रहा तो गाय के मालिक को शक हुआ की जब गाय जंगल मे चारा चरने जाती है तो कोई उसका दूध निकल लेता है जिस कारण वह घर आकर दूध नहीं देता है इस बात का पता लगाने के लिए गाय के मालिक ने गाय का पीछा किया और गाय फिर उसी जगह पर जाकर खड़ी हो गयी और दूध की धार अपने आप ही भूमि के अंदर समां गयी , ये सभी बाते गाय के मालिक ने जाकर गांव के राजा को बताई , राजा ने अपने मंत्रियों को साथ मे लेजाकर वहां उस स्थान पर खुदाई करवाई, रात को राजा को १ सपना आया कि राजन अब मेरे शीश के अवतरित होने का समय आ गया है, और यह भी बताया की महाभारत काल मे मैं पाण्डु पुत्र भीम का पौत्र बर्बरीक था और मैंने भगवान श्री कृष्णा को अपना शीश दान मे दे दिया था और श्री कृष्ण ने मुझे कलियुग मे पूजे जाने का वरदान दिया था, अतः अब वहां खुदाई मे मेरा शीश अवतरित होगा और फिर तुम्हे मेरा मंदिर बनवाना होगा , अगले दिन फिर खुदाई मे शीश अवतरित हुआ और फिर राजा ने खाटू श्याम मंदिर बनवाया
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