Jaipur ka Sunyara Ji Ghanshyam Dhani Ne Sajana Hai Lyrics| जयपुर का सुनियारा जी घनश्याम धणी ने सजाना है लिरिक्स

Bhajan - Jaipur ka Sunyara Ji Ghanshyam Dhani Ne Sajana Hai 

Bhajan Gayak - Shri Kanhiya Mittal Ji

Bhajan Company - Kanhiya Mittal Entertainments

 

  जयपुर का  सुनियारा जी घनश्याम धणी ने सजाना है

पैसे का कोई सवाल नहीं सोने का मुकुट चढ़ाना है

  जयपुर का  सुनियारा जी घनश्याम धणी ने सजाना है

पैसे का कोई सवाल नहीं सोने का मुकुट चढ़ाना है

 

मुकुट बना दे ऐसा प्यारे , देखते रह जाये देखने वाले

हाँ  मुकुट बना दे ऐसा प्यारे , देखते रह जाये देखने वाले

समय मैं दूँ तुझे दशमी तक ग्यारस ने मने चढ़ाना है

  जयपुर का  सुनियारा जी घनश्याम धणी ने सजाना है

पैसे का कोई सवाल नहीं सोने का मुकुट चढ़ाना है

 

मैंने एक भगत को व्यथा सुनाई उसने श्याम की कथा सुनाई

हाँ मैंने एक भगत को व्यथा सुनाई उसने श्याम की कथा सुनाई

बोला सच्चे मन से ध्यान लगा सब काम तेरा बन जाना है

  जयपुर का  सुनियारा जी घनश्याम धणी ने सजाना है

पैसे का कोई सवाल नहीं सोने का मुकुट चढ़ाना है

 

चांदी का मुकुट मे बोल के आया मेरा सोने जैसा काम बनाया

हाँ चांदी का मुकुट मे बोल के आया मेरा सोने जैसा काम बनाया

जब सोने जैसा काम किया तो सोने का मुकुट चढ़ाना है

  जयपुर का  सुनियारा जी घनश्याम धणी ने सजाना है

पैसे का कोई सवाल नहीं सोने का मुकुट चढ़ाना है

 

सुनियारा भी साथ हो लिया सांवरिये ने मन को मोह लिया

हाँ सुनियारा भी साथ हो लिया सांवरिये ने मन को मोह लिया

मित्तल मेरे खाटू वाले का हर कोई  जगत मे दीवाना है

  जयपुर का  सुनियारा जी घनश्याम धणी ने सजाना है

पैसे का कोई सवाल नहीं सोने का मुकुट चढ़ाना है

  जयपुर का  सुनियारा जी घनश्याम धणी ने सजाना है

पैसे का कोई सवाल नहीं सोने का मुकुट चढ़ाना है

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