Bhajan : Prem Ka Dhaga
Bhajan Gayak : Sheetal Pandey
Label : Yuki
Prem Ka Dhaga Tumse Bandha Ye Tute Na - Bhajan Lyrics
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना, प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना, चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना (कोरस)
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना, चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..कोरस
ना धन दौलत ना ही शोहरत और ना कोई खजाना, ना धन दौलत ना ही शोहरत और ना कोई खजाना,
दिल यह चाहे लगा रहे बस दर पे आना जाना, तार जुड़े जो दर से अब वो टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना (कोरस)
मोह के बंधन छूट गए सब जब से जुड़ा हूं तुमसे, मोह के बंधन छूट गए सब जब से जुड़ा हूं तुमसे
अब तो मिलता है हर गम भी मुस्कुरा के मुझसे , थामे रहना हाथ कभी छूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना (कोरस),
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
समझ के मुझको अपना तूने पकड़ी मेरी कलाई, समझ के मुझको अपना तूने पकड़ी मेरी कलाई
हर रस्ता आसान हुआ फिर बना जो तू हमराही, जीवन पथ पर साथ तुम्हारा छूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना (कोरस)
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
सोनू को बस यही शिकायत तुमसे यही गिला है, सोनू को बस यही शिकायत तुमसे यही गिला है
इतनी देर से क्यों मेरे बाबा ; ये दरबार मिला है, अब यह सिलसिला जन्मो जन्म तक टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना (कोरस)
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना, प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना, चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना (कोरस)
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
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