Bhajan : Tera Sumiran Tera Darshan
Bhajan Gayak: Shri Sheetal Pandey Ji
Label: Yuki
Tera Sumiran Tera Darshan Yahi Aadhar Mera - Bhajan Lyrics
तेरा सुमिरन तेरा दर्शन, यही आधार मेरा
इसके बदले मैं
ज़माने, की कोई चीज़
न लू
तेरा सुमिरन तेरा दर्शन, यही आधार मेरा
इसके बदले मैं ज़माने, की कोई चीज़ न लू
तेरा सुमिरन
मुझे है नाज़ प्रभु , आपकी इस रहमत पे
मैं तो हर रोज़ तेरे गीत गुनगुनाता हूँ
मुझे दरकार नही श्याम, किसी उत्सव की
मैं तो होली दीवाली रोज़ ही मनाता हूँ
तेरा जलसा, तेरा कीर्तन, यही त्योहार मेरा
इसके बदले मैं
ज़माने की कोई चीज़
न लूँ
तेरा सुमिरन
मैंने देखे है दुनिया भर, के नजारे लेकिन
मेरे मन को तो श्याम बस दर तेरा ही भाए
तेरी चोखट पे सिर झुकाके चैन मिलता यूँ
जैसे बच्चे को माँ की गोद में सुकूँ आये
तेरा मंदिर ,तेरा आँगन यही घर- बार मेरा
इसके बदले में
ज़माने की कोई चीज़
न लूँ
तेरा सुमिरन
मेरे हाथों की लकीरों मे जो लिखा ना था
मैंने तेरे दर से श्याम रिश्ता वो भी पाया है
मुझे जब भी पड़ी दरकार तेरी रहमत की
श्याम प्रेमी के रूप में तू ही तो आया है
तेरे प्रेमी तेरे सेवक यही परिवार मेरा
इसके बदले में
ज़माने की कोई चीज़
न लूँ
तेरा सुमिरन तेरा दर्शन, यही आधार मेरा
इसके बदले मैं
ज़माने, की कोई चीज़
न लू
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